इन दिनों एक नई सीरीज़ पर काम कर रहा हूँ। बहुत दिनों से आकृतिमूलक काम करने की जेहन में बात थी पर पूरी तरह आकारों की तरफ़ लौट नहीं पाया हूँ अब तक। वैसे मेरी अपने ऍक्स्प्रॅशन के साथ कोई जबरदस्ती भी नहीं है। जैसा होता चलता है होने देता हूँ भले ही बाद में मेरा आलोचक उठ खड़ा होता है अपने सारे औजारों के साथ मेरे कलाकार के खिलाफ। इसी सीरीज़ का एक चित्र -
Saturday, April 18, 2009
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