Thursday, December 4, 2008

मेरा नया चित्र

यह शुरुआत है!

एक अरसा पहले सोचा था कि एक कला पत्रिका हो, जो भारतभर की कलाजगत की गतिविधियों के अलावा सौंदर्यशास्त्र और कलामनोविज्ञान के चिंतन पर केंद्रित हो। जल्दी ही आप इसे साकार पायेंगे।
रामकिशन अडिग